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कोलकाता डॉक्टर रेप, हत्या केस: एक महीना पूरा, जानिए कब क्या हुआ

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Getty Images कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या मामले को एक महीना पूरा हो गया है.

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के रेप और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में नौ सितंबर को सुनवाई हुई.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टरों की हड़ताल के वक़्त राज्य भर में 23 मरीजों की जान गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने नोट किया है कि कोलकाता रेप और मर्डर केस में जांच आगे बढ़ी है. कोर्ट ने 17 सितंबर सीबीआई को जांच की नई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

कोलकाता में डॉक्टर के रेप और हत्या को आज यानी नौ सितंबर को एक महीना पूरा हुआ. इसी को देखते हुए कई जगहों पर प्रदर्शन भी किए जाएंगे.

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कोलकाता सरकार की ओर से संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का शव पाए जाने के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

डॉक्टरों सहित हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर न्याय के लिए प्रदर्शन किए. इन प्रदर्शनों के कारण आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं.

सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ़ के लिए सुरक्षा बंदोबस्त के अभाव पर चिंता जताई थी और एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया था.

इस टास्क फोर्स का काम राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल स्टाफ़ की सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल तैयार करना है.

इस रिपोर्ट में जानिए कि बीते एक महीने में इस मामले में कब क्या हुआ?

कोलकाता रेप-मर्डर केस की कुछ अहम तारीख़ों पर एक नज़र.

image ANI सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता डॉक्टर रेप और हत्या मामले में सख़्त टिप्पणियाँ की हैं कोलकाता रेप-मर्डर केस: कब क्या हुआ

9 अगस्त:

पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव सुबह के वक़्त सेमिनार हॉल में मिला. डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. डॉक्टर खाना खाने के बाद सेमिनार हॉल में ही सो गई थीं.

पुलिस के मुताबिक़, बलात्कार और हत्या की ये घटना रात तीन से सुबह छह बजे के बीच हुई थी.

डॉक्टरों ने घटना के ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू किया.

10 अगस्त:

पुलिस ने टास्क फोर्स बनाई. जांच शुरू होने के छह घंटे के भीतर अभियुक्त संजय रॉय को गिरफ़्तार किया. सीसीटीवी के अलावा पुलिस को सेमिनार हॉल से एक टूटा हुआ ब्लूटूथ इयरफोन मिला था. ये अभियुक्त के फ़ोन से कनेक्ट हो गया था. इसी के ज़रिए पुलिस संजय को गिरफ़्तार करने में सफल रही थी.

11 अगस्त:

डॉक्टरों का प्रदर्शन तेज़ी से बढ़ने लगा.

12 अगस्त:

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष का इस्तीफ़ा. चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया था, "सोशल मीडिया पर होती बदनामी और जिसे वो अपनी बेटी मानते थे, उस डॉक्टर की मौत के कारण उन्होंने ये फैसला लिया. उन्हें भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोके जाने की उम्मीद है."

13 अगस्त:

कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले में जांच के सही से ना होने की बात कही और केस सीबीआई को सौंपा.

image ANI रविवार को भी कोलकाता में कई लोगों ने विरोध मार्च निकाला

14 अगस्त:

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कोलकात रेप और हत्या के मामले में

किए.

यह ममता बनर्जी की सरकार के लिए बड़ा झटका था, क्योंकि उसे अभी तक मूल रूप से बीजेपी के विरोध का ही सामना करना पड़ रहा था.

15 अगस्त:

14 और 15 अगस्त की दरम्यानी रात कोलकाता समेत कई जगहों पर महिला संगठनों और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों ने 'रीक्लेम द नाइट' का नारा देकर महिलाओं के सड़क पर उतरने का आह्वान किया.

14- 15 अगस्त की रात आरजी कर अस्पताल में डॉक्टरों के धरना स्थल पर अज्ञात लोगों ने हमला किया.

सोशल मीडिया पर ऐसे दावे किए गए कि भीड़ के हमले में रेप, मर्डर वाली जगह पर भी तोड़-फोड़ की गई.

हालांकि कोलकाता पुलिस ने ऐसे दावों को गलत बताया और कहा- ''अपराध सेमिनार रूम में हुआ था और उसको किसी ने हाथ नहीं लगाया है. झूठी ख़बरें ना फैलाएं. अफवाह फैलाने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.''

स्वतंत्रता दिवस के मौके़ पर पीएम मोदी ने भी महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को उठाया.

16 अगस्त:

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सड़क पर उतरकर मार्च निकाला. इस मार्च की बीजेपी और कई लोगों ने आलोचना की.

18 अगस्त:

ऐसी रिपोर्ट्स आईं कि सीबीआई अभियुक्त की फॉरेंसिक जांच करेगी.

image Getty Images कोलकाता की सड़क पर कलाकारों के विरोध प्रदर्शन का एक चित्र प्रदर्शकारियों और पुलिस के बीच झड़प

20 अगस्त:

कोलकाता रेप-मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेने के बाद सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ़ के लिए सुरक्षा बंदोबस्त के अभाव पर चिंता व्यक्त की और एक राष्ट्रीय टास्कफोर्स के गठन किया.

21 अगस्त:

आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा सीआईएसएफ ने संभाली.

22 अगस्त:

डॉक्टरों ने 11 दिनों के जारी हड़ताल को वापस लिया.

27 अगस्त:

डॉक्टर के रेप और हत्या मामले के ख़िलाफ़ छात्रों ने राज्य सचिवालय यानी ‘नबान्न भवन’ तक विरोध मार्च की अपील की. इस विरोध मार्च के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हुई.

एक नए छात्र संगठन ‘पश्चिम बंग छात्र समाज’ ने इस विरोध मार्च को ‘नबान्न अभियान’ नाम दिया था. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफ़े की मांग की.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी बयान जारी कर 'पश्चिम बंग छात्र समाज' के बुलाए गए 'नबन्ना मार्च' (सचिवालय पर प्रदर्शन) के दौरान हुई हिंसा को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की.

28 अगस्त:

विरोध प्रदर्शन में बल प्रयोग करने और छात्रों को गिरफ़्तार करने के ख़िलाफ़ बीजेपी ने 12 घंटे के बंगाल बंद का आह्वान किया. सत्तारुढ़ टीएमसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी राज्य में 'अराजकता पैदा करना चाहती है.'

image ANI ममता बनर्जी की सरकार पर आरजी कर हॉस्पिटल में हुई घटना का दबाव राजनीतिक गलियारों, कोर्ट और सड़कों पर भी लगातार दिखा है पश्चिम बंगाल में बना नया क़ानून

2 सितंबर:

सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ़्तार कर लिया. गिरफ़्तार होने वालों में अस्पताल में सामान आपूर्ति करने वाले दो ठेकेदार बिप्लब सिंघा और सुमन हाज़रा के अलावा संदीप घोष के बॉडीगार्ड अफ़सर अली ख़ान भी शामिल थे.

3 सितंबर:

घटना के एक महीने के भीतर पश्चिम बंगाल विधानसभा में सर्वसम्मति से अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक क़ानून संशोधन) विधेयक, 2024 पारित.

इस विधेयक में महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले अपराधों को लेकर भारतीय न्याय संहिता, 2023, (बीएनएस) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) और बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बने पॉक्सो क़ानून, 2012 में संशोधन किए गए हैं.

राज्य सरकार का कहना है कि प्रस्तावित क़ानून एक ऐतिहासिक क़ानून है जिससे पीड़ित को जल्द न्याय मिलेगा.

8 सितंबरः

ममता सरकार को इस मामले में अपने नेताओं के विरोध का सामना भी करना पड़ा.

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार ने हॉस्पिटल रेप-मर्डर मामले के बाद जन आंदोलन को देखते हुए ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर अपने इस्तीफ़े की पेशकश कर दी.

9 सितंबर:

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई. कोर्ट ने सीबीआई को नई जांच रिपोर्ट जमा करने के लिए 17 सितंबर तक का वक़्त दिया है.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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