राजस्थान के बीकानेर जिले के बज्जू उपजिला अस्पताल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अस्पताल के सरकारी डॉक्टर शैलेंद्र सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वह शराब के नशे में धुत दिखाई दे रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है।
स्थानीय लोगों और मरीजों का कहना है कि अस्पताल में इलाज कराने आए लोगों के लिए यह स्थिति बेहद चिंताजनक और अस्वीकार्य है। डॉक्टर के शराब के नशे में होने से मरीजों की जान पर भी खतरा हो सकता है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच शुरू कर दी गई है। “हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। डॉक्टर के खिलाफ विभागीय जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वीडियो की सत्यता की पुष्टि के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी,” एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।
स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया पर वीडियो तेजी से फैल रहा है। लोगों ने वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कुछ लोगों ने कहा कि सरकारी अस्पताल में मरीजों की सेवा के दौरान इस तरह का व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है और इससे जनता का विश्वास डगमगा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य कर्मियों की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है। “एक डॉक्टर के नशे में होने से न केवल मरीजों की जान पर खतरा आता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा का भरोसा भी कम हो जाता है। इस तरह के मामलों में विभागीय कार्रवाई और मानसिक स्वास्थ्य सहायता दोनों की जरूरत होती है,” स्वास्थ्य विशेषज्ञ [नाम] ने कहा।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि वायरल वीडियो के संबंध में तुरंत डॉक्टर को छुट्टी पर भेज दिया गया है और जांच पूरी होने तक उन्हें मरीजों के इलाज से दूर रखा जाएगा। इसके साथ ही अस्पताल में अन्य स्टाफ को सतर्क रहने और मरीजों की सेवा में पूरी निष्ठा दिखाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
स्थानीय नागरिकों और मरीजों ने प्रशासन से अपील की है कि डॉक्टर के खिलाफ जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए निगरानी कड़ी की जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य प्राथमिकता होनी चाहिए।
अंततः, बीकानेर के बज्जू उपजिला अस्पताल में डॉक्टर शैलेंद्र सिंह का शराब के नशे में वीडियो वायरल होना स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। विभागीय जांच और उचित कार्रवाई से ही जनता का भरोसा बहाल किया जा सकता है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्वास्थ्य कर्मियों की जवाबदेही और निगरानी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
You may also like

बेंगलुरु में सबसे बड़ी साइबर चोरी! मनीव्यू ऐप से हैकर्स ने 3 घंटे में 49 करोड़ रुपये लूटे, पुलिस ने दो को किया अरेस्ट

मोबाइल नीचे करो...अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल में लेडी डॉक्टर ने जड़ा थप्पड़, स्वास्थ्य मंत्री ने बैठाई जांच-वीडियो

समलैंगिक ऐप से शुरू हुई बातचीत, फ्लैट पर मिलने पहुंचे युवक की 8वीं मंजिल से गिरकर मौत

इलेक्ट्रिक Scorpio और Thar से लेकर अपडेटेड XUV700 तक, नई गाड़ियां लाने की तैयारी में महिंद्रा, जानें डिटेल

अनोखी Love Story: दो लड़कियों को आपस में प्यार, 7 साल` की दोस्ती के बाद मंदिर में लिए 7 फेरे




