भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच जयपुर व्यापार महासंघ ने बड़ा कदम उठाया है। महासंघ ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि राजस्थान का व्यापारी समुदाय तुर्की एवं अजरबैजान के साथ किसी भी प्रकार का फल एवं सब्जी से संबंधित व्यापार नहीं करेगा। पहले जयपुर फल मंडी में तुर्की से सेब की आपूर्ति होती थी, लेकिन अब व्यापारियों ने तुर्की से सेब की खरीद पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
जयपुर में एशिया की सबसे बड़ी थोक मंडी मुहाना में भी तुर्की से सेब की आपूर्ति बंद हो गई है। मंडी के थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष योगेश तंवर ने बताया कि तुर्की के सेब पहले दिल्ली और मुंबई के रास्ते जयपुर मुहाना मंडी में आते थे, लेकिन अब इन शहरों से ऑर्डर कम हो गए हैं। फिलहाल तुर्की से आने वाले सेब की कीमत 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। वहीं, अगले कुछ दिनों में राजस्थान में हिमाचली सेब की आवक शुरू हो जाएगी। जिससे मंडी व्यापारियों की तुर्की सेब पर निर्भरता भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि महासंघ जल्द ही इस संबंध में जनजागरूकता अभियान चलाएगा, ताकि देशभर के उद्योगपति और उपभोक्ता भी इसका बहिष्कार करें।
इससे पहले जयपुर के ज्वैलर्स और मार्बल व्यापारियों ने भी तुर्की के साथ व्यापार का पूर्ण बहिष्कार करने की घोषणा की थी। राजस्थान निर्यात महासंघ के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा के अनुसार राजस्थान, विशेषकर जयपुर में आभूषण क्षेत्र के लिए तुर्की से बड़ी संख्या में मशीनें आयात की जा रही हैं। राजस्थान और तुर्की के बीच मार्बल और ज्वैलरी का सालाना 800 से 1000 करोड़ रुपए का व्यापार होता था, लेकिन अब उद्योगपति एकजुट होकर तुर्की के साथ व्यापार पूरी तरह खत्म करने पर सहमत हो गए हैं।
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