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Dholpur दो साल में सड़क ने खो दी अपनी जान, अब बचे हैं सिर्फ गड्ढे

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धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर सड़कों के निर्माण के बाद संवेदक वापस सड़कों की मरम्मत करना ही भूल जाते हैं। नतीजा धीरे-धीरे जो छोटे गड्ढे होते हैं, वे भस्मासुर की तरह बड़े होते लगते हैं। नतीजा सरकार का सड़क निर्माण पर खर्च करोड़ों रुपए की राशि समय से पहले ही व्यर्थ हो जाती है। शहर में जिले के सबसे बड़े पीजी कॉलेज की तरफ खलतियों की बगल से जा रहा रास्ता कुछ ऐसी की कहानी बयां कर रहा है। करीब 24 लाख रुपए की लागत से दो साल पहले तैयार हुई सडक़ अब गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। गड्ढे भी छोटे-मोटे नहीं है बल्कि बड़े हैं जिनमें गलती से गाड़ी चली जाए तो दुर्घटना हो सकती है। खस्ताहाल सड़क की न तो संवदेक ने सुध ली और न ही सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसको दुरस्त कराने की जहमत उठाई। अब भुगत इस सड़क से निकलने वाले रहे हैं।

ट्रेफिक नहीं, फिर भी सड़क ने तोड़ा दम

पुरानी भारती टॉकीज के बगल से जा रही इस सडक़ पर भारी वाहनों का ट्रेफिक नहीं है। केवल ट्रेक्टर-ट्रॉली इत्यादि वाहन निकलते हैं। इसके बाद भी सडक़ दम तोड़ गई। यह सड़क शहर से पीजी कॉलेज और रेलवे फाटक की तरफ तगावली समेत कुछ अन्य गांवों को जोड़ती है। इस सडक़ से कॉलेज जाने वाले विद्यार्थी, स्टाफ और लाइन के पीछे बसी कॉलोनियों के लोगों को सुबह-शाम निकलना बना रहता है। रहवासियों को इस रोड से निकलते समय तो डर लगने लगा है। रात में यहां गुप अंधेरा रहता है और बरसात में गड्ढों में पानी भरने से दिक्कत आती है।

परियोजना में हुआ था निर्माण

बता दें कि कॉलेज फाटक की तरफ जाने वाले इस रोड का निर्माण आरआईडीएफ 24 परियोजना के अंतर्गत हुआ था। इसके लिए नाबार्ड ने ऋण दिया था। परियोजना पर 24 लाख रुपए की लागत आई थी। सडक़ का निर्माण 19 जुलाई 2022 को पूर्ण हो गया था। अब दो साल बाद ही सड़क गायब हो चुकी है। जानकारी के अनुसार यह समस्या वर्तमान में ही उत्पन्न नहीं हुई है बल्कि पिछले 2 साल से व्याप्त है। जिसके लिए समाधान की महती आवश्यकता है।

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