आईएचीएसएम (IACHSM) और आईसीएमआर (ICMR) के तत्वावधान में आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को एक स्वास्थ्य जागरूकता रैली का आयोजन किया गया।
रैली का शुभारंभ राजस्थान स्टेट नोडल अधिकारी एवं संस्थान के अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ. रूपेश कुमार तथा कॉलेज सुपरिटेंडेंट डॉ. महेंद्र डामोर ने हरी झंडी दिखाकर किया।
इस रैली का मुख्य उद्देश्य आमजन में स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, स्वच्छता, रोगों की रोकथाम और पोषण के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना था।
रैली में चिकित्सा छात्रों, नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टरों और स्वयंसेवकों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने हाथों में स्वच्छता, टीकाकरण, संतुलित आहार और नशा मुक्ति से संबंधित संदेश लिखी तख्तियां लेकर नारे लगाए।
कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ. रूपेश कुमार ने कहा कि आज के दौर में रोगों से बचाव इलाज से अधिक महत्वपूर्ण है।
“समाज को स्वस्थ बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जीवनशैली सुधारनी होगी और स्वास्थ्य संबंधी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना होगा,”
उन्होंने कहा।
वहीं कॉलेज सुपरिटेंडेंट डॉ. महेंद्र डामोर ने कहा कि ऐसी रैलियां युवाओं और आम लोगों में जनस्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रभावी माध्यम हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे गांव-गांव जाकर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दें और स्वच्छता के अभियान में शामिल हों।
छात्रों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सारैली में बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी और फैकल्टी सदस्य शामिल हुए। प्रतिभागियों ने शहर के प्रमुख मार्गों पर पैदल मार्च किया और “स्वस्थ भारत – संपन्न भारत”, “बीमारी से बचाव ही असली इलाज” जैसे नारे लगाए।
रैली विभिन्न मार्गों से होते हुए कॉलेज परिसर में संपन्न हुई।
कार्यक्रम के संयोजक सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग के प्रोफेसर डॉ. (नाम) ने बताया कि इस रैली का उद्देश्य न केवल जागरूकता फैलाना था बल्कि विद्यार्थियों में जनसेवा और समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव उत्पन्न करना भी था।
उन्होंने कहा कि आईसीएमआर और आईएचीएसएम की पहल के तहत देशभर में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों तक बढ़ाया जा सके।
सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में कॉलेज द्वारा स्वास्थ्य जांच शिविर, रक्तदान कैंप और महिला स्वास्थ्य से जुड़ी कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
डॉ. डामोर ने कहा कि “स्वस्थ समाज ही समृद्ध समाज की नींव है। ऐसे आयोजनों से लोगों में जागरूकता तो आती ही है, साथ ही चिकित्सा छात्रों को भी जनसेवा के मूल्य सिखाए जाते हैं।”
स्थानीय नागरिकों और राहगीरों ने रैली की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन लोगों में स्वास्थ्य के प्रति सजगता और जिम्मेदारी की भावना पैदा करते हैं।
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