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Kota दो दिन पहले अस्पताल में लाए गए मरीज की अभी तक नहीं हुई पहचान

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कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा  सरकारी अस्पतालों में उपचार नहीं होने की शिकायतें अक्सर सामने आ रही हैं। इसके इतर कुछ डॉक्टर मिसाल बन रहे हैं। एमबीएस के न्यूरो सर्जरी विभाग में एक माह में तीन ऐसे मरीज आए जिनकी पहचान नहीं हो रही थी। इन्हें न केवल भर्ती किया , बल्कि ब्रेन सर्जरी तक की गई है। ये सड़क दुर्घटना या ऊंचाई से गिरकर घायल हुए थे। सर्जरी के बाद होश आया तो परिजनों का भी पता चला। अब ये स्वस्थ हैं।

न्यूरो सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. एसएन गौतम का कहना है कि ऐसे मरीजों के उपचार में त्वरित निर्णय , कुशल चिकित्सा सेवाओं का योगदान रहता है। एमबीएस की टीम, जिसमें डॉ. बनेश जैन, डॉ. कल्प शांडिल्य, डॉ. कनिष्क गोयल, रेजीडेंट डॉ. राजेश, डॉ. आशीष मोर और एनेस्थेसिया टीम डॉ. अर्चना त्रिपाठी, डॉ. अनिता कावारिया और डॉ. कपिल शामिल हैं, मिसाल कायम कर रही है। संभाग के सबसे बड़े एमबीएस हॉस्पिटल में महीने में 10-15 लावारिस मरीज बेहोशी की अवस्था या दुर्घटना में घायल होने पर आते हैं। केस-1 24 अगस्त 2024 को 36 वर्षीय लेखराज बलिता रोड पर ऊंचाई से गिर गए। एमबीएस अस्पताल लाए तब साथ में कोई परिजन नहीं था। रीढ़ की हड्डी में एल-2 कंप्रेशन फ्रैक्चर हाने से शरीर के निचले अंगों में कोई हलचल नहीं थी। मेडिकल सुपरिटेंडेंट से अनुमति लेकर 30 अगस्त को ऑपरेशन किया। स्क्रू और रॉड की मदद से रीढ़ की हड्डी को जोड़ा।

इसके बाद लेखराज अस्पताल में 15 दिनों भर्ती रहे। इस दौरान भोजन समेत सभी चिकित्सा सेवा दी गई। बाद में गांव के सरपंच से सूचना मिलने पर हरिगढ़ गांव से उनके भाई रामप्रसाद अस्पताल पहुंचे। लेखराज के स्वस्थ होने पर 15 सितंबर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। केस-2 27 अगस्त 2024 को 40 वर्षीय सावंत सिंह गोपालपुरा हाईवे पर हादसे में घायल हुए। बूंदी से रेफर होने पर 108 एंबुलेंस से एमबीएस अस्पताल लाए तब बेहोश थे।

जांच के बाद पता चला कि उनके सिर में हैमरेज (एक्स्ट्राड्यूरल हेमेटोमा) है। तत्काल सर्जरी की आवश्यकता थी। सावंत सिंह के साथ कोई परिजन नहीं था। आपातकालीन जीवनरक्षक सर्जरी के लिए सीएमओ से अनुमति ली गई। सर्जरी के बाद सावंतसिंह को एसआईसीयू में भर्ती किया। उनकी हालत अब स्थिर है। बाद में परिजन अस्पताल पहुंचे। तब पता चला कि मरीज का नाम सावंतसिंह है। वे भीलवाड़ा जिले के खेड़िया गांव के निवासी हैं। केस-3 18 सितंबर 2024 को अज्ञात मरीज को अज्ञात रोगी एमबीएस अस्पताल में लाया गया। उसे दौरे पड़ रहे थे। जांच में पता चला कि मस्तिष्क में खून का थक्का जमा हुआ है, इस कारण तात्कालिक सर्जरी जरूरी थी। सीएमओ से अनुमति लेकर उसी रात ऑपरेशन किया।मरीज को 1 यूनिट रक्त भी चढ़ाया गया। सर्जरी के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। मरीज मानसिक रूप से विक्षिप्त है, जो बोलने में असमर्थ है। अब तक कोई परिजन अस्पताल नहीं पहुंचा। अस्पताल में भोजन, कपड़े और सभी चिकित्सा सेवाएं दी जा रही हैं।

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