राजस्थान के जोधपुर रेलवे स्टेशन पर बुधवार सुबह रेल यात्रियों के बीच एक बड़ा भ्रम का मामला सामने आया। प्लेटफार्म संख्या 5 पर एक जैसी दिखने वाली दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें एक साथ खड़ी थीं, जिससे दिल्ली जाने वाले कई यात्री गलती से साबरमती (अहमदाबाद) ट्रेन में चढ़ गए। इस अदला-बदली ने रेल प्रशासन और यात्रियों के बीच तनाव पैदा कर दिया।
ऐसा भ्रम क्यों पैदा हुआ?
यह घटना प्लेटफार्म संख्या 5 पर उस समय हुई जब दोनों वंदे भारत ट्रेनें प्रस्थान के लिए तैयार थीं। चूँकि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें लगभग एक जैसी दिखती थीं और एक ही प्लेटफार्म पर खड़ी थीं, इसलिए दिल्ली पहुँचने की जल्दी में यात्री ट्रेन का नाम, गंतव्य या नंबर ठीक से नहीं देख पाए। नतीजतन, दिल्ली जाने वाले कई यात्री उस ट्रेन में चढ़ गए जिसे उन्होंने अपनी ट्रेन समझ लिया था। यह भ्रम तब सामने आया जब ट्रेन स्टाफ या यात्री गंतव्य के बारे में बात करने लगे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जब तक यात्री उतरते, तब तक दिल्ली जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस समय पर प्लेटफार्म से रवाना हो चुकी थी। जब यात्रियों को पता चला कि वे अपनी यात्रा चूक गए हैं, तो स्टेशन पर तनाव फैल गया।
रेलवे ने वैकल्पिक व्यवस्था की
यात्रियों को हुई इस भारी असुविधा ने रेलवे प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय बना दिया। चूँकि वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनें दिन में केवल एक बार चलती हैं, इसलिए यात्रियों को दिल्ली भेजने के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती थी। रेलवे अधिकारियों ने तुरंत प्रभावित यात्रियों से संपर्क किया और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी यात्रा जल्द से जल्द सुनिश्चित की जाएगी। रेलवे अब इन सभी भ्रमित यात्रियों को अगली उपलब्ध ट्रेन या अन्य साधनों से उनके गंतव्य (दिल्ली) तक भेजने का प्रयास कर रहा है।
रेलवे प्रवक्ता ने घटना की पुष्टि की
रेलवे के एक प्रवक्ता ने घटना की पुष्टि की। रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह सच है कि लोग गलती से दूसरी ट्रेन में चढ़ गए, लेकिन रेलवे प्रशासन अब वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है। इसके अलावा, भ्रम की स्थिति से बचने के लिए कल से दोनों ट्रेनों के प्लेटफॉर्म बदल दिए जाएँगे।
यह स्थिति क्यों उत्पन्न हुई?
रेलवे इस बात की भी आंतरिक जाँच कर रहा है कि एक ही समय में दो महत्वपूर्ण ट्रेनें एक ही प्लेटफॉर्म पर क्यों खड़ी थीं। जाँच इस बात पर भी केंद्रित होगी कि क्या यात्रियों को भ्रमित होने से बचाने के लिए प्लेटफॉर्म पर पर्याप्त संकेत और घोषणाएँ उपलब्ध थीं। वर्तमान में, रेलवे ने यात्रियों को सलाह दी है कि भविष्य में किसी भी ट्रेन में चढ़ने से पहले डिस्प्ले बोर्ड और प्लेटफार्म घोषणाओं पर गंतव्य स्थान की दोबारा जांच कर लें।
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