राजस्थान के चूरू जिले के गाँव आलसर बास के स्कूल को क्रमोन्नत हुए 5 साल बीत जाने के बाद भी कोई बदलाव नहीं आया है। यह स्कूल आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। शिक्षकों के रिक्त पदों के कारण स्थिति यह है कि 273 में से 200 विद्यार्थी स्कूल छोड़ चुके हैं। राजलदेसर तहसील के निकटवर्ती गाँव आलसर बास में ग्रामीणों ने अपनी विभिन्न मांगों के साथ सरकारी स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के आदेश पर स्कूल को उच्च प्राथमिक से माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया गया था। वर्तमान में स्कूल में एक प्रधानाचार्य, दो अध्यापक और एक शारीरिक शिक्षक का पद स्वीकृत है, लेकिन प्रधानाचार्य और अध्यापक एल (2) अंग्रेजी का पद रिक्त है।
विद्यालय को 2020-21 में क्रमोन्नत किया गया था, लेकिन आज तक द्वितीय श्रेणी अध्यापक (हिंदी, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान), व्याख्याता भूगोल, हिंदी साहित्य और राजनीति विज्ञान, कनिष्ठ लिपिक और कंप्यूटर शिक्षक के पद स्वीकृत नहीं हुए हैं, जिससे स्कूल का नामांकन भी लगातार गिर रहा है।हालात ये हैं कि कक्षा 9, 10, 11 और 12 के लिए माध्यमिक विद्यालय स्वीकृत होने के बावजूद बच्चों को गाँव से 5 किलोमीटर दूर निजी या सरकारी स्कूल में जाना पड़ता है। बच्चों को स्कूल में बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ता है, जहाँ बच्चों को दूषित पानी पीने को दिया जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि गाँव में दो पानी की टंकियाँ हैं। वे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं और अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार द्वारा क्रमोन्नत किए जाने के 5 साल बाद भी स्कूल की हालत बेहद दयनीय है, जहाँ यह स्कूल बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरस रहा है, वहीं शिक्षकों के रिक्त पदों के कारण स्थिति यह है कि 273 में से 200 छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं।
You may also like
₹64 करोड़ की रिश्वत, पति की कंपनी को फायदा और अब दोषी करार! जानें चंदा कोचर ने कैसे वीडियोकॉन को पहुंचाया था फायदा?
पवन कल्याण की फिल्म 'हरी हरा वीर मल्लू' की एडवांस बुकिंग में धूम
चीन : हाल के वर्षों के लगभग 40,000 लोगों को बहादुरी से प्रमाणित किया गया
एमआरआई मशीन में खिंचकर व्यक्ति की मौत, धातु पहनकर क़रीब जाना क्यों है ख़तरनाक?
EN-W vs IN-W ODI Head To Head Record: इंग्लैंड बनाम भारत, यहां देखिए ODI हेड टू हेड रिकॉर्ड