राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने गुरुवार को डूंगरपुर ज़िले के अपने दौरे के दौरान नई शिक्षा नीति, पाठ्यक्रम में बदलाव और आदिवासी इतिहास से छेड़छाड़ के आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी शहीद काली बाई और मानगढ़ धाम से जुड़े पाठ हटाने की अफवाहें पूरी तरह से झूठी और भ्रम फैलाने की साजिश हैं। मदन राठौड़ ने बताया कि काली बाई से जुड़ा पाठ अब सातवीं कक्षा में भी जोड़ा गया है ताकि इसे बेहतर ढंग से समझा जा सके। मानगढ़ धाम से जुड़ा पाठ, जो पहले चौथी कक्षा में था, अब पाँचवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक में शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों पर चर्चा
डूंगरपुर के सर्किट हाउस में भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने राठौड़ का स्वागत किया। इसके बाद वे पार्टी कार्यालय पहुँचे, जहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे की तैयारियों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बांसवाड़ा में प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्र का विरोध करने वालों पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र क्षेत्र में बिजली की कमी को दूर करेगा, जिससे उद्योग, किसानों और व्यवसायों को लाभ होगा। साथ ही, इससे रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि प्रभावित लोगों को उनकी ज़मीन की कीमत का चार गुना मुआवज़ा दिया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग मासूम लोगों को गुमराह करके अपना राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
जीएसटी और धर्मांतरण कानून पर बयान
जीएसटी सुधार पर बोलते हुए, राठौड़ ने कहा कि खाद्य पदार्थों पर कर या तो पूरी तरह से हटा दिए गए हैं या न्यूनतम कर दिए गए हैं, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी। धर्मांतरण विरोधी कानून पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि पहली बार सरकार ने इस मुद्दे पर एक सख्त कानून बनाया है। अब, लालच, दबाव, ब्लैकमेल या शिक्षा या स्वास्थ्य के नाम पर धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इसे अनैतिक बताया और कहा कि दोषियों को आर्थिक और कानूनी दंड का सामना करना पड़ेगा।
विधानसभा में कैमरा विवाद पर उन्होंने क्या कहा?
राठौड़ ने विधानसभा में कैमरे लगाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष पर कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ये कैमरे नई विधानसभा के निर्माण के बाद से लगाए गए हैं और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी इसकी जानकारी थी। राठौड़ ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अध्यक्ष को सदन के मुखिया होने के नाते स्वतंत्र सुरक्षा निर्णय लेने का अधिकार है।
आदिवासी इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप खारिज
राठौर ने आदिवासी इतिहास से छेड़छाड़ के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मानगढ़ धाम और काली बाई जैसे महत्वपूर्ण आदिवासी ऐतिहासिक प्रतीकों को पाठ्यक्रम से हटाया नहीं गया है, बल्कि उन्हें बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने के लिए कक्षा में बदलाव किए गए हैं। यह कदम बच्चों को आदिवासी इतिहास और संस्कृति की गहरी समझ प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
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