जिले के अरोंद क्षेत्र में स्थित गौतमेश्वर महादेव के घने जंगलों में फैली भीषण आग ने क्षेत्र को भय और चिंता में डाल दिया है। यह आग न केवल पेड़-पौधे जला रही है, बल्कि लोगों की आस्था, पर्यावरण संतुलन और प्रशासन की तैयारियों को भी कटघरे में खड़ा कर रही है। दूर-दूर तक फैला धुआं, जंगल में जलते पेड़ों की चीखें और भागते वन्यजीवों की चीखों ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है।
आग बुझाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन तेज हवाओं और गर्म मौसम के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। गौतमेश्वर महादेव का यह क्षेत्र न केवल प्रतापगढ़ बल्कि पूरे वागड़ क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए आस्था और आध्यात्मिक शांति का केंद्र है। हर साल बड़ी संख्या में लोग यहां प्राकृतिक सौंदर्य और भक्ति के मेल में शांति पाने आते हैं। यह जंगल कई पक्षियों, जड़ी-बूटियों और वन्यजीवों का घर भी है। हर साल गर्मियों में आग लगने की घटनाएं होती हैं, लेकिन प्रशासन का जवाब फायर लाइन और सतर्कता तक ही सीमित रहता है।
इस बार भी ग्रामीणों ने कई बार चेतावनी दी थी, लेकिन फायर वॉच टावरों का अभाव, जल स्रोतों की कमी, वन सुरक्षा बलों की कमी ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया। इस बार स्थानीय लोगों ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि स्थायी वन सुरक्षा व्यवस्था, फायर अलर्ट सिस्टम और बचाव उपकरणों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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