आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इन दिनों हर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, और अब यह राजस्थान में भी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। जहां एक ओर AI तकनीकी क्षेत्रों को आसान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके संभावित दुष्परिणामों और नैतिक सवालों पर भी बहस हो रही है।
राजस्थान सरकार ने हाल ही में AI तकनीक का उपयोग करके कृत्रिम वर्षा (Artificial Rain) का प्रयास करने का ऐलान किया है, जिसे राज्य के कुछ हिस्सों में पानी की कमी और सूखा जैसी समस्याओं से निपटने के लिए एक नवाचार माना जा रहा है। इसके अलावा, AI का इस्तेमाल राज्य में कई अन्य परियोजनाओं में भी किया जा रहा है, जैसे कृषि, जल प्रबंधन, और स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने के लिए।
राजस्थान सरकार AI के उपयोग को नैतिक, समावेशी और जवाबदेह बनाने के लिए एक नीति तैयार कर रही है, ताकि इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सके और इसके इस्तेमाल से समाज को लाभ पहुंचे। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि राज्य सरकार जल्द ही इस दिशा में एक व्यापक नीति लाएगी, जिसमें AI से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे डेटा सुरक्षा, पारदर्शिता, और सामाजिक समानता पर ध्यान दिया जाएगा।
राज्य सरकार का यह कदम AI के उपयोग को नियंत्रित और उसका सही दिशा में प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए अहम साबित हो सकता है। राजस्थान के इस कदम को अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा सकता है, जहां AI का सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।
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