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कौन हैं आसाराम को गिरफ्तार करने वाले IPS अजय पाल लांबा? जानें इनकी बहादुरी के किस्से

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जयपुर न्यूज़ डेस्क, 22 सितंबर को राजस्थान सरकार ने बड़े स्तर पर बदलाव करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 22 अधिकारियों और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 58 अधिकारियों के तबादले किए थे. राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में यह बड़ा बदलाव माना जा रहा है. इस सूची में 15 जिलों के पुलिस अधीक्षक और दो रेंज पुलिस महानिरीक्षक का तबादला किया गया था. जिन दो रेंज के अधिकारियों का ताबदला किया गया है, उनमें आईपीएस अधिकारी अजय पाल लांबा भी हैं. लांबा को जयपुर रेंज का महानिरीक्षक बनाया गया है. राजस्थान के सबसे चर्चित IPS अधिकारियों में से एक अजय पाल लांबा का करियर कई बड़े कारनामों से भरा रहा है. उन्होंने ही नाबालिग़ से दुष्कर्म के आरोपी और जोधपुर जेल में बंद आसाराम को गिरफ्तार किया था. 

रह चुके हैं कई जिलों के SP 
अजय पाल लांबा का जन्म नीम का थाना जिले के तन प्रीतमपुरी में हुआ था. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन में बीटेक किया है. ख़ास बात यह है कि राजस्थान के रहने वाले हैं और राजस्थान ही कैडर मिला है. लांबा कई जिलों के पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं, जिनमें झुंझुनूं,पाली, जयपुर, पाली, उदयपुर और अलवर शामिल हैं. आसाराम की गिरफ्तारी के दौरान लांबा ने क्या देखा और देश भर में लाखों भक्त वाले आसराम को पकड़ने के लिए प्लानिंग कैसे की गई, उस पर उन्होंने एक किताब लिखी है, जिसका नाम 'फॉर द गॉडमैन, द ट्रू स्टोरी बिहाइंड' है. 

आसाराम की गिरफ्तारी में अहम भूमिका 

साल 2013 में आसाराम बापू के ऊपर नाबालिग़ के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था. नाबालिग के परिजनों ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के आश्रम में नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न किया था. मामला दिल्ली में दर्ज हुआ जिसे बाद में जोधपुर में ट्रांसफर किया गया था.आसाराम के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए देश के कई शहरों में टीमें भेजी गईं थीं. इसके लिए जोधपुर के सबसे काबिल 20 पुलिस अधिकारियों की टीम बनाई गई थी. इस टीम को 'टफ - 20' का नाम दिया गया था. उस समय अजय लांबा जोधपुर के पुलिस उपायुक्त थे. 

आसाराम को पकड़ा गया तो वो दहाड़े मार कर रोने लगा

अजय पाल लांबा किताब में लिखते हैं कि आसाराम को पकड़ना इतना आसान नहीं था. जैसे ही जोधपुर पुलिस ने आसाराम के आस-पास घेराबंदी करना शुरु की उन्हें धमकियां दी गईं, गिरफ्तारी के दौरान पुलिस पर हमला किया गया. कई बार उनके पास ऐसे फ़ोन आते थे कि पैसा ले लो.उन्हें लालच दिया गया. बाद में जब यह नैरेटिव बनाया गया कि आसाराम नपुंसक है तो उसका 'इम्पोटेंसी टेस्ट' किया गया, हालांकि यह टेस्ट करने के दौरान कई अधिकारी इसके पक्ष में नहीं थे. जब आसाराम को पकड़ा गया तो वो दहाड़े मार कर रोने लगा था. 

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