राजस्थान में कई शिव मंदिर हैं। जो अपनी ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। आपको बता दें कि राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में नीलकंठ महादेव मंदिर, परशुराम महादेव मंदिर और केवलादेव शिव मंदिर जैसे कई मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों की कथाएँ भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध हैं।
नीलकंठ महादेव मंदिर
राजस्थान का यह मंदिर जालौर जिले के भीनमाल क्षेत्र में स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना नागभट्ट ने की थी। मान्यताओं के अनुसार, नागभट्ट को भगवान शिव का स्वप्न आया था। जिसमें स्वयं भगवान शिव ने नागभट्ट को यहाँ निवास करने और मंदिर बनाने का आदेश दिया था।
परशुराम महादेव मंदिर
परशुराम महादेव मंदिर राजस्थान के पाली जिले में अरावली पर्वत श्रृंखला पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी ने की थी।
केवलादेव शिव मंदिर
केवलादेव शिव मंदिर भरतपुर जिले के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना भरतपुर के महाराजा सूरजमल ने करवाई थी। जानकारी के अनुसार, एक पशुपालक को शिवलिंग मिलने के बाद इस मंदिर की स्थापना हुई थी।
गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर
यह मंदिर बीसलपुर बांध के पास स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह मंदिर रावण द्वारा की गई तपस्या के लिए प्रसिद्ध है। जानकारी के अनुसार, रावण ने इसी स्थान पर भगवान शिव की तपस्या की थी। जिसके बाद रावण की तपस्या से प्रसन्न होकर स्वयं महादेव ने उसे आत्मलिंग के रूप में एक शिवलिंग प्रदान किया था।
अचलेश्वर महादेव मंदिर
अचलेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के खूबसूरत हिल स्टेशन माउंट आबू में स्थित है। आपको बता दें कि यह मंदिर दुनिया भर में इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यहाँ भगवान शिव के पैर के अंगूठे के निशान की पूजा की जाती है।
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