कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा आज (मंगलवार) चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार स्थित मेवाड़ विश्वविद्यालय पहुँचे। उन्हें यहाँ कृषि डिप्लोमा और डिग्री को लेकर धोखाधड़ी की शिकायत मिली थी। बताया गया था कि विश्वविद्यालय में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के नाम पर छात्रों को केवल 2 घंटे ही पढ़ाया जाता है। मंत्री मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे बिना किसी सूचना के अचानक विश्वविद्यालय पहुँच गए। उन्होंने वहाँ पढ़ रहे बीएससी कृषि के छात्रों से बातचीत की। मंत्री के दौरे से विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया।
'कृषि विभाग के माध्यम से एफआईआर दर्ज करवाऊँगा'
इस दौरान मंत्री ने कहा कि ये सभी फर्जी डिग्रियाँ हैं। पैसे लेकर पास हो रहे हैं। यह विश्वविद्यालय की मान्यता नहीं है। ऐसे में दी जा रही डिग्रियाँ फर्जी हैं। बच्चे न तो आरपीएससी और न ही यूपीएससी की परीक्षा दे सकते हैं। उन्हें सरकारी नौकरी भी नहीं मिल सकती।
कृषि मंत्री ने कहा कि मैं कृषि विभाग के माध्यम से एफआईआर दर्ज करवाऊँगा। एसओजी अधिकारी से बात करूँगा कि उन्होंने जाँच पूरी क्यों नहीं की। मंत्री किरोड़ी ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं। दूसरी ओर, इस तरह के विश्वविद्यालय बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। मेवाड़ विश्वविद्यालय ने एक साल पहले सरकार को हलफनामा दिया था कि हम आईसीएआर से मान्यता लेंगे, लेकिन अभी तक नहीं ली।
मंत्री बोले- मेवाड़ विश्वविद्यालय में डिप्लोमा और डिग्री में फर्जीवाड़ा
मंत्री ने कहा कि कृषि डिप्लोमा ही नहीं, बीएससी हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर में भी फर्जीवाड़ा हो रहा है। एक गोरखधंधा चल रहा है। उन्होंने कहा कि मेवाड़ का नाम महाराणा प्रताप के नाम पर है। महापुरुषों के नाम को खराब किया जा रहा है। युवाओं का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।
शिकायतकर्ता ने कहा- बिना कोई सही उत्तर लिखे पास कर दिया
मंत्री से शिकायत करने वाले बीकानेर के स्वतंत्र बिश्नोई ने बताया कि वह कॉमर्स फील्ड से हैं, लेकिन बीकानेर के एक दलाल ने उन्हें 50,000 रुपये लेकर मेवाड़ विश्वविद्यालय भेज दिया। यहाँ ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई नहीं होती थी। उन्हें सीधे परीक्षा के लिए बुलाया जाता था। परीक्षा की कॉपियाँ मौके पर ही जाँच ली जाती थीं। बिना कोई सही उत्तर लिखे उन्हें प्रथम श्रेणी में पास कर दिया गया और डिग्री दे दी गई। स्वतंत्र बिश्नोई ने इस संबंध में मंत्री किरोड़ी लाल से शिकायत की थी। स्वतंत्र ने कहा कि जब मैंने कुछ लिखा ही नहीं था, तो मुझे पास कैसे कर दिया गया।
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