देहरादून। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के ब्लॉक धारचूला के ऐलागाड पर निमाणार्धीन भूमिगत एनएचपीसी पावर हाउस की टनल के मुहाने पर भूस्खलन का मलबा आने से 19 श्रमिक सुरंग में फंसे गए। इनमे से आठ श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि 11 श्रमिक अभी भी सुरंग के भीतर फंसे हैं।
प्रशासन सभी को शीघ्र ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि शनिवार शाम सुरंग के मुहाने पर अचानक भूस्खलन हो गया और भारी मात्रा में मलबा व पत्थर आ जाने से टनल का मार्ग अवरुद्ध हो गया। इस दौरान टनल में 19 श्रमिक फंसे गए। इसकी खबर मिलते ही जिला प्रशासन व बीआरओ के जवानों ने राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। सुरंग के मुहाने से मलबा हटाया जा चुका है व इमरजेंसी शाफ्ट एरिया को भी निरंतर साफ किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अब तक आठ कार्मिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है और शेष बचे 11 कार्मिकों भी सुरक्षित निकालने के लिए युद्धस्तर के प्रयास किये जा रहे हैं। इन श्रमिकों से प्रशासन निरंतर संपर्क बनाए हुए है। जिला प्रशासन, बीआरओ, एनएचपीसी, एनडीआरएफ, सीआईएसएफ व अन्य बचाव दल टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए कार्य कर रहे हैं।
उपजिलाधिकारी धारचूला जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि धौलीगंगा पावर स्टेशन की टनल के मुख्यद्वार पर बार-बार आ रहे मलबे को सड़क सुरक्षा संगठन के माध्यम से लगातार हटाया जा रहा है। मौके पर पर्याप्त मशीनरी एवं सुरक्षा बल तैनात हैं। सुरंग के अंदर किचन और खाने की व्यवस्था पहले से उपलब्ध है।
धारचूला के ऐलागाड पर निमाणार्धीन भूमिगत एनएचपीसी पावर हाउस की टनल से निकाले गए श्रमिकों की पहचान ऑपरेशन कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ चन्दर सोनल, डीजी ऑपरेटर शंकर सिंह, सब-स्टेशन स्टाफ पूरन बिष्ट, मेंटेनेंस स्टाफ नवीन कुमार, प्रेम डुग्ताल, धन राज बहादुर, गगन सिंह धामी और पीसी वर्मा के रूप में हुई है।
प्रशासन के अनुसार टनल में फंसे लोगों की पहचान हो चुकी है। इनके नाम ऑपरेशन स्टाफ ललित मोहन बिष्ट, सूरज गुरुड़ानी, विष्णु गुप्ता, जितेन्द्र सोनल, प्रकाश डुग्ताल, कमलेश धामी, सुनील धामी, जी. ऑगस्टीन बाबू, अपूर्वा राय, इंदर गुनजियाल और बिशन धामी हैं। यह लोग अभी सुरंग में हैं।
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