भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का सोमवार को प्रस्तावित जबलपुर दौरा रद्द कर दिया गया है। अब वे सीधे छिंदवाड़ा के परासिया गांव जाएंगे, जहां हाल ही में दूषित कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत के बाद वे पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे। इस घटना ने पूरे प्रदेश में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है और मुख्यमंत्री का यह कदम संवेदनशील प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। उनके दौरे में बदलाव के कारण अब जबलपुर में होने वाले लोकार्पण कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री शामिल नहीं होंगे।
मुख्यमंत्री के नए कार्यक्रम के अनुसार वे दोपहर एक बजे भोपाल से चलकर वायुयान से स्टेट हेंगर भोपाल से एअर स्ट्रिप छिंदवाड़ा पहुंचेंगे। वहां से हेलीकॉप्टर से01.45 दोपहर ही 01.55 पर एअर स्ट्रिप छिंदवाड़ा से हेलीपैड पारसिया जिला छिंदवाड़ा पहुंचेंगे और वहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे।
इससे पहले उनके तय कार्यक्रम के अनुसार उन्हें पहले सिविल लाइन स्थित प्रधानमंत्री श्री शासकीय महाकौशल महाविद्यालय और शासकीय साइंस कॉलेज में बने नए शैक्षणिक भवनों का लोकार्पण करना था। इसके अलावा वे प्रतिभा सम्मान समारोह और अन्य आयोजनों में भी शामिल होने वाले थे। प्रशासन और पुलिस ने उनके स्वागत से लेकर सुरक्षा तक की तैयारियां पूरी कर ली थीं, लेकिन अभी सुबह सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से यह जानकारी दी गई कि वे अब छिंदवाड़ा के दौरे पर रहेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति के बावजूद जबलपुर में कार्यक्रम पूर्व निर्धारित समय पर ही होंगे। इनमें राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, जबलपुर सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नु, विधायक अशोक रोहाणी, नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज और भाजपा नेता कमलेश अग्रवाल मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष आशीष राव, शिक्षकों, विद्यार्थियों और आम नागरिकों की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रहेगी।
उल्लेखनीय है कि महाकौशल कॉलेज में 13.54 करोड़ रुपये की लागत से तीन मंजिला आधुनिक भवन का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के अंतर्गत निर्मित इस भवन में 19 व्याख्यान कक्ष, प्रशासनिक ब्लॉक, स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं और कॉमन रूम जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यह भवन उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जबलपुर को नई पहचान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। भवन के लोकार्पण के साथ ही महाविद्यालय परिसर में अधोसंरचना के विस्तार हेतु 3.37 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एक अन्य भवन का भूमि पूजन भी किया जाएगा।
इस अवसर पर शैक्षणिक उत्कृष्टता, खेल, सांस्कृतिक, नवाचार और सामाजिक सेवा के क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह आयोजन छात्रों को प्रोत्साहन देने और महाविद्यालय की नई पहचान को मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। वहीं, शासकीय साइंस कॉलेज में भी लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से एक नए भवन का निर्माण हुआ है। लंबे समय से इस कॉलेज में कक्षाओं की कमी महसूस की जा रही थी, जो अब नए भवन के बन जाने के बाद काफी हद तक दूर हो जाएगी। यहां भी आधुनिक प्रयोगशालाओं और स्मार्ट क्लासरूम की व्यवस्था की गई है।
राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री का जबलपुर दौरा स्थगित करना आकस्मिक निर्णय था, जो प्रदेश में हाल ही में घटी संवेदनशील घटना को देखते हुए लिया गया है। बावजूद इसके, जबलपुर में प्रस्तावित कार्यक्रमों को निरस्त नहीं किया गया ताकि क्षेत्र में विकास कार्यों की गति प्रभावित न हो।
शिक्षा के क्षेत्र में महाकौशल क्षेत्र को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में राज्य सरकार के ये प्रयास महत्वपूर्ण हैं। नए भवनों और अधोसंरचनात्मक सुविधाओं के माध्यम से न केवल विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा बल्कि जबलपुर शहर प्रदेश के अग्रणी शैक्षणिक केंद्रों में अपनी पहचान और मजबूत करेगा। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दौरे में बदलाव भले ही प्रशासनिक दृष्टि से अचानक हुआ हो, लेकिन उनका छिंदवाड़ा जाकर प्रभावित परिवारों से मिलना उनकी संवेदनशीलता का परिचायक माना जा रहा है।
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